सरोगेसी का मसला यूं तो काफी लंबे समय से भारत में चर्चा में रहा है लेकिन इसे लेकर कानून बनाने की गंभीर पहल हाल के सालों में हुईं। 2014 में सरकार की ओर से विधायी प्रक्रिया की शुरुआत हुई लेकिन 16वीं लोकसभा के दौरान कई कोशिशों के बाद भी यह कानून नहीं बन पाया। लेकिन 17वीं लोकसभा के गठन के साथ ही सरकार ने इसे प्राथमिकता दी और सरोगेसी रेगुलेशन विधेयक 2019 लोकसभा में 5 अगस्त, 2019 को पारित भी हो गया। राज्यसभा ने इसे और गहन विचार के लिए प्रवर समिति यानि सलेक्ट कमेटी को सौंपने का फैसला किया। कानूनी पृष्ठभूमि के गहन जानकार सांसद भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता वाली इस समिति ने सीमित अवधि में बेहद गहन पड़ताल की। देश में व्यवस्थित ढंग से इस मुद्दे पर कोई कानून लागू न होने से अनैतिक प्रक्रियाओं, सरोगेट मां के शोषण और सरोगेसी से पैदा बच्चे को छोड़ देने जैसे तमाम मामले हाल के सालों में सामने आए। 23 सदस्यीय इस समिति ने सभी पक्षों पर बेबाकी से गौर करते हुए केवल परोपकारी सरोगेसी को अनुमति देने पर सहमति जतायी। समिति की रिपोर्ट पर आधारित इस कार्यक्रम को देख कर यह आकलन किया जा सकता है कि संसदीय समितियां किस गहराई के साथ किसी मुद्दे की तह तक जाती हैं और कितनी अहम सिफारिशें करती हैं।
एंकर और अनुसंधान –अरविंद कुमार सिंह,
प्रोड्यूसर ममता सिद्धार्थ,
वीटी एडीटर- अनिल बर्नवाल
Anchor - Arvind Kumar Singh
Produver - Mamta Siddhartha
Video Editor - Anil Barnwal
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